फर्जी प्रधानाध्यापक घोटाला, 16 साल से कर रहा था नौकरी

फर्जी प्रधानाध्यापक SCAM

उत्तर प्रदेश में प्रशासन ने एक फर्जी प्रधानाध्यापक को गिरफ्तार किया है जो  16 साल से नौकरी कर रहा था। अब 16 साल में उसने जो कुछ भी कमाया है उसकी बसूली की जाएगी।

क्या है मामला ?

हाथरस के एक प्राथमिक स्कूल में तैनात शिक्षक उसी नाम से दूसरे फर्जी व्यक्ति से फिरोजाबाद के प्राथमिक विद्यालय नगला परियन में नौकरी कर रहा था। फर्जीवाड़ा का पता लगाने के बाद फर्जीवाड़ा करने वाले प्रधानाध्यापक को बर्खास्त कर दिया गया है। आरोपी शिक्षक तीन बार कमेटी के बुलाने के बाद भी अपना पक्ष रखने के लिए उपस्थित नहीं हुआ था। फर्जी शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही 16 साल की नौकरी अवधि में लिए वेतन की वसूली भी की जाएगी।

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा ?

फिरोजाबाद के मदनपुर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय नगला परियन में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात देवेंद्र कुमार हाथरस के ब्लॉक सासनी के प्राथमिक स्कूल दरियापुर में तैनात हमनाम शिक्षक देवेंद्र कुमार के अभिलेखों से 16 साल से नौकरी कर रहा था। दो माह पूर्व मानव संपदा पोर्टल पर डाटा अपलोड होने के बाद एसटीएफ ने जांच की थी, तो मामला सही पाया गया।

कैसे पकड़ में आया आरोपी ?

दरसअल दो माह पूर्व मानव संपदा पोर्टल पर डाटा अपलोड होने के बाद जब शक हुआ तब एसटीएफ ने जांच की थी, तो मामला संदिग्ध पाया गया। आरोपी प्रधानाचार्य को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किए गए पर आरोपी प्रधानाचार्य तीन नोटिस पर भी नहीं आया। यूपीएसटीएफ ने बीएसए को पत्र लिखकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। बीएसए अंजली अग्रवाल ने बताया कि देवेंद्र कुमार ने दूसरे शिक्षक के डॉक्युमेंट्स से नौकरी हासिल की थी। उसको अपना पक्ष रखने के लिए तीन बार नोटिस भेजे थे, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुआ। फर्जी प्रधानाचार्य की नियुक्ति 2006 में हुई थी। प्रधानाचार्य को बर्खास्त कर दिया गया है। रिकवरी के आदेश भी दे दिए गए हैं।16 साल की नौकरी करने के बाद इस्तीफा देने आया था प्रधानाचार्य यह फर्जीवाड़ा एसटीएफ ने पकड़ा था। एसटीएफ ने पहले जांच हाथरस में तैनात देवेंद्र के डॉक्युमेंट्स की कराई थी। देवेंद्र के अभिलेख सही पाए गए। इसके बाद एसटीएफ ने फिरोजाबाद बीएसए को पत्र लिखा था। पत्र आने की जानकारी होते ही 16 साल से नौकरी कर रहा शिक्षक इस्तीफा देने के लिए तैयार हो गया था। वह हाथों में पट्टी बांधकर भी आया था। बीएसए को शक हुआ तो इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था।

आखिर क्या है आरोपी प्रधानाचार्य का असली नाम ?

फर्जी प्रधानाचार्य हाथरस जनपद में तैनात शिक्षक देवेंद्र के नाम पर नौकरी कर रहा था। फिरोजाबाद में तैनात शिक्षक का असली नाम आखिर क्या है, 16 साल की नौकरी के बाद बेसिक शिक्षा विभाग अंजान बना हुआ है। इसी तरह तीन और शिक्षकों को पूर्व में बर्खास्त किया जा चुका है। जो दूसरे के अभिलेखों के नाम पर नौकरी कर रहे थे। बताया जा रहा है शिक्षक ने विभाग में जो पता लिखवाया है, वो भी गलत है। विभाग द्वारा शिक्षक को जितनी भी रजिस्ट्री भेजी गई, वह इस टिप्पणी के साथ में वापस आईं कि इस पते पर कोई देवेंद्र नहीं रहता है।

बीएसए अंजलि अग्रवाल ने आरोपी प्रधानाध्यापक देवेन्द्र की सेवा समाप्त करने के साथ ही वेतन रिकवरी व मुकदमा दर्ज कराने के लिए आदेशित किया है।



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